
मानव शरीर कई कारकों से प्रभावित हो सकता है। इससे या तो स्वास्थ्य अच्छा होता है या सेहत में गिरावट आती है।
अगर वजन घटाने की बात करें, तो अधिकांश कारकों जैसे आनुवंशिकी, पर्यावरण और कुछ स्वास्थ्य समस्याओं को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।हर व्यक्ति के खाने की स्पीड अलग-अलग होती है। कुछ लोग मानते हैं कि धीरे-धीरे खाना खाने की आदत से लोग आलसी और बीमार होते हैं। हालांकि, धीमी गति से भोजन करने से वजन घटाने में काफी मदद मिलती है। वजन घटाने के लिए वर्कआउट करने वाले लोग पूरे दिन कैलोरी लेने की मात्रा पर भी ध्यान देते हैं। धीरे-धीरे खाना खाने की आदत से पेट पूरी तरह भर जाता है और जल्दी भूख नहीं लगती है। इससे व्यक्ति अधिक कैलोरी लेने से बच जाता है, जिससे वजन घटाने की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है।भोजन को धीरे-धीरे चबाकर खाने से मस्तिष्क स्वस्थ और शांत रहता है। इससे तनाव का स्तर कम होता है और मन शांत रहता है।इससे पाचन क्रिया बेहतर होती है और वजन घटाने में आसानी होती है आपकी भूख और कैलोरी की मात्रा काफी हद तक हार्मोन द्वारा नियंत्रित होती है। भोजन के बाद, आपका आंत घ्रेलिन (Ghrelin) नामक एक हार्मोन को दबाता है, जो भूख को नियंत्रित करता है और पेट भरने का एहसास करवाता है।
इससे ज्यादा खाना खाने को रोकने में मदद मिलती है। इस प्रक्रिया में लगभग 20 मिनट लगते हैं।धीमी गति से खाना खाने से आप भोजन के स्वाद का बेहतर आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा भोजन का फ्लेवर, सुगंध और टेक्चर आपको संतुष्टि प्रदान कर सकता है।