
संगबाद भास्कर न्यूज़ डेस्क : केन्द्र के तीन नए कृषि कानून दो महीने से ज्यादा प्रदर्शन कर रहे है।कृषि कानूनों के पक्ष में आवाज उटाई और इनका समर्थन किया।
राजनीतिक समूह और संसद आंदोलन का समर्थन कर रहे है। पूर्व आईएफएससी अधिकारियों ने कृषि पर विश्व व्यापार संगठन के समझौते के विभिन्न पहलुओं की आलोचना करते हुए कहा, कि 1992 में खेती अमेरिका और यूरोपीय संघ के 2 सबसे बड़े सब्सिडी प्रदाताओं के बीच द्विपक्षीय समझौते से पैदा हुआ था। कृषि और खाद सुरक्षा के भविष्य पर अमेरिका और ब्रिटेन सहित के सदस्यों को दोहरा मानदंड खत्म करना और जिसने वैश्विक उत्पादन और बाजार को उलझा रखा है। इसमें हस्ताक्षर करने वाले अधिकारियों में अजय स्वरूप, अजीत कुमार, अनिल के त्रिगुणायत अनिल वाधवा, अशोक कुमार, भ्वस्ती मुखर्जी दीपा वाधवा जे एस सप्रा, लक्ष्मी पुरी, मोहन कुमार, ओपी गुप्ता प्रीति शरण, राजीव भाटिया, सतीश चंद मेहता, श्याम लाल बी कौशिक, वीणा सीकरी, विद्या सागर वर्मा, वीरेंद्र गुप्ता, विष्णु प्रकाश और योगेश गुप्ता शामिल है।